ऑरम मेटैलिकम ( Aurum Metallicum ) औषधि के व्यापक लक्षण, मुख्य रोग व फायदें विस्तार से जानते हैं-
- जीवन से निराशा व आत्महत्या करने की इच्छा
- जीवन निराशा
- आतशक, हड्डियों का क्षय तथा उनमें दर्द
- एक वस्तु के दो या वस्तु का नीचे का हिस्सा दिखना
- पोतो का सूकना व सख्त होना
- शरीर की ग्रंथियों के शोथ में लाभ
- ब्लड प्रेशर में फायदेमंद
" ऑरम मेटैलिकम की प्रकृति "
ठंडी व खुली हवा घूमने से, ठंडे पानी से नहाने से रोग लक्षणों में कमी कमी आती हैं। जबकि सूर्यास्त से सूर्योदय तक, गृह कलेश से व शीत ऋतु में रोग के लक्षणों में वृद्धि होती हैं।
" जीवन से निराशा व आत्महत्या करने की इच्छा "
मनुष्य में उसके आन्तरिक जीवन को प्रकट करने अंग मन व हृदय हैं । मन मानसिक जीवन को सूचित करता है व हृदय उसके हार्दिक जीवन को । मानसिक जीवन का अर्थ है- चिंतन आदि, तथा हार्दिक जीवन का अर्थ है - उसका जीवन के प्रति प्रेम भाव। कभी - कभी मनुष्य ऐसी परिस्थितियों में पहुँच जाता हैं। वह मानसिक शक्ति द्वारा यह जानता हैं, कि वह जो अनुभव कर रहा है वह ठीक नहीं है, जिससे उसके हार्दिक भाव इतने बिगड़ जाते हैं, कि वह जीवन के प्रति हताश - निराश हो जाता हैं।
कभी-कभी वह निराशा में इस हद तक पहुँच जाता हैं, कि वह जीने की चाह छोड़ देता है, और कभी - कभी आत्महत्या करने की सोचने लगता है और कई रोगी आत्महत्या कर भी लेते हैं । उसकी मन स्थिति इतनी विक्षिप्त नही होती जितने उसके हार्दिक भाव । ऐसी हार्दिक अवस्था में जब उसकी जीवन के प्रति चाह खत्म हो जाती है, तब ऑरम मेटैलिकम हृदय के आत्मघात के विचार को एकदम बदल देती हैं ।
" जीवन निराशा "
गृह कलेश, आर्थिक हानि व शोक आदि से मनुष्य ऐसी विकट स्थिति में पहुंच जाता है, जिससे वह जीने की चाहत छोड़ देता हैं, इसका कारण गृह कलेश, आर्थिक हानि व शोक हो सकता है, ऐसा कलह जिसमें मनुष्य इतना निराश हो जाए कि मरना पसन्द करे । वह सोचता है कि उसकी जो स्थिति हैं, उसमें जीवन भार है । छोटी - छोटी बात से वह चिढ़ने लगता हैं, तुरन्त गुस्से से भड़क जाता हैं ।
यही निराशा बढ़ती - बढ़ती पागलपन का रूप धारण कर लेती हैं । जब रोगी इस हालत में पहुंच जाता है कि वह किसी से बात तक नहीं करता । उसे इस मानसिक स्थिति से निकालने के लिए यह दवा उत्तम हैं, यह हृदय में संतुलन लाती हैं ।
ऑरम मेटैलिकम, नेजा, आर्सेनिक एल्बम, नक्स वोमिका, सिमिसिफ्यूगा, इग्नेशिया, लेकेसिस तथा एसिड फॉस में आत्महत्या के मामले में तुलना - आत्महत्या की इच्छा उक्त सभी औषधियों में होती हैं परन्तु इनमें भेद यह है कि ऑरम मेटैलिकम में यह इच्छा घरेलू कारणों, आर्थिक हानि के कारण होती है । नेजा मे दिल की बीमारी के कारण होती है । आर्सेनिक एल्बम और नक्स वोमिका में मरने की इच्छा रहती है परन्तु रोगी मरने से डरता है। किसी के प्रेम से निराशा होने के कारण मरने की इच्छा हो तो सिमिसिफ्यूगा, इग्नेशिया, लेकेसिस, एसिड फॉस में पाया जाता हैं ।
" आतशक, हड्डियों का क्षय तथा उनमें दर्द "
जिन लोगों को आतशक हो जाता हैं, एलोपैथी में इसका इलाज मर्करी से होता हैं । अन्य रोगों में भी मर्करी का उपयोग किया जाता हैं । इसका परिणाम यह होता है कि रोगी को आतशक की बीमारी के अलावा मर्करी जनित रोग भी हो जाता हैं । आतशक तथा मर्करी जनित रोग से भी रोगी हताश, निराश और उदास रहने लगता हैं । आतशक के रोग से तथा पारे के इलाज से उसे घुटने के नीचे की हड्डी ' टीबिया ' में शोथ या दर्द होता हैं । कान, नाक, तालु की हड्डियां भी सड़ने लगती हैं ।
आतशक से जिगर पर भी प्रभाव पड़ता हैं, हृदय पर आतशक जनित गठिये का असर होने लगता हैं । इन रोगों में जोड़ों में दर्द, गठिये का दर्द, जोड़ों की हड्डियों में शोथ, शरीर को ग्रन्थियों में शोथ आदि उत्पन्न हो जाते हैं, जिनको ऑरम मेटैलिकम ठीक कर देती हैं ।
" एक वस्तु के दो या वस्तु का नीचे का हिस्सा दिखना "
यह इस औषधि का विशिष्ट लक्षण हैं, कि एक वस्तु दो जगह दिखाई देती हैं । ऐसा कई औषधियों में होता हैं । परन्तु वस्तु का नीचे का हिस्सा दिखना और ऊपर का नही दिखना इसका विशिष्ट लक्षण हैं । इन लक्षणों में ऑरम मेटैलिकम लाभप्रद होती हैं।
" पोतो का सूकना व सख्त होना "
ऑरम मेटैलिकम औषधि का यह भी विशिष्ट लक्षण हैं, कि बच्चों के अंडकोष सूकते जाते हैं और बड़ो के फूल जाते हैं या सख्त हो जाते हैं ।
" शरीर की ग्रंथियों के शोथ में लाभ "
शरीर के भिन्न - भिन्न अंगों की ग्रंथिया जैसे गले में, बाजुओं की कोख में, पेट में, जांघों के जोड़ में, स्त्री के स्तनों में, अंडकोष तथा डिंबकोश । इस औषधि का इन ग्रंथियों पर कारगर प्रभाव होता हैं । इन ग्रंथियों के शोथ को ऑरम मेटैलिकम दूर कर देती हैं । ग्रंथियों के शोथ में उच्च शक्ति निम्न शक्ति की अपेक्षा अधिक कारगर होती हैं ।
" उच्च रक्तचाप में फायदेमंद "
रुधिर का एक स्थान पर संचय इस औषधि का विशेष लक्षण हैं । इसीलिए उच्च रक्तचाप में ऑरम मेटैलिकम 30 शक्ति की मात्रा रोग को ठीक कर देती है । उच्च रक्तचाप में बैराइटा 6x, ग्लोनॉयन और डिजिटेलिस भी अच्छी औषधियाँ हैं ।
" ऑरम मेटैलिकम औषधि के अन्य लक्षण "
>> रात में रोग की वृद्धि - पारे के सभी रोगों की तरह इसमें तकलीफ शाम को शुरु होकर सारी रात रहती है । हड्डियों से दर्द अधिक रहता हैं मानो टूट जाएगी । हड्डी के परिवेष्टन में ऐसा दर्द होता है मानो कोई चाकू से छील रहा हो । जोड़ों में रात को दर्द होता है । रोगी दर्द से बिस्तर छोड़कर टहलने लगता हैं । जो रोगी हमेशा पारा लेता है, उसका जिगर बढ़ जाता है, जोड़ों में सूजन आ जाती हैं । ऐसे रोगी के लिये ऑरम मेटैलिकम लाभप्रद दवा हैं ।
>> रोगी खुली हवा पसंद करता हैं - ऑरम मेटैलिकम रोगी चिड़चिड़ा व क्रोधी होता हैं । जबकि वह खुली हवा पसन्द करता हैं, परन्तु सिर दर्द में सिर को लपेट कर रखता हैं । दमे में भी ऑरम मेटैलिकम का रोगी खुली हवा चाहता है, गर्मी से दमे में वृद्धि होती हैं । ठंडे पानी से स्नान करने से बहुत से लक्षण कम हो जाते हैं । जब ऑरम मेटैलिकम का रोगी उत्तेजना से परेशान हो, उसकी धमनिया स्पन्दन कर रही हो, तब वह दरवाजे और खिड़कियां खुलवाना चाहता हैं, शरीर का कपड़े उतार फेंकता हैं, जबकि अन्य समय पर वह कपड़े में लिपटा रहता हैं ।
" ऑरम मेटैलिकम की शक्ति तथा प्रकृति "
ऑरम मेटैलिकम औषधि 30, 200 शक्ति में दी जाती हैं । यह औषधि ' गर्म ' प्रकृति की हैं, परन्तु कई वातो में ' सर्द ' प्रकृति की हैं ।
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