सिना ( CINA ) औषधि के व्यापक लक्षण व फायदों का विश्लेषणात्मक वर्णन
" पेट में कीडे "
सिना मुख्य रूप से बच्चों की दवा हैं । इसे कृमि धातु के बच्चों के लिए उपयोग किया जाता है । ये कृमि गोल और गिडोये जैसे होते हैं ।
● इस औषधि का बच्चा नाक में खुजली के कारण बार-बार ऊंगली डालता हैं, कभी-कभी खुजलाते हुए खून निकाल लेता है । बच्चा सोते हुए चौक जाता हैं, सोते हुए दांत किटकिटाते हैं और अंगो में कम्पन्न होता हैं ।
● दूसरे प्रकार का बच्चा कैमोमिला की तरह चिड़चिड़ा होता हैं । कभी-कभी बच्चा नर्स को लात मार देता है, हर समय गोद में रहना और झूले में झूलना पसंद करता है । बच्चा जिस वस्तु की चाह करता है, जब वह दी जाती हैं, तो लेने से मना कर देता है । सीना 200 शक्ति में अच्छी असरकारक होती है ।
" सिना के अन्य लक्षण "
● सिना का बच्चा भूख से चिल्लाता है । और खाने के बाद भी उसकी भूख संतुष्ट नही होती ।
● बच्चे के दोनों गालो का रंग कभी गर्म लाल होता है । कभी एक साथ लाल - पीला होगा ।
● सिना के बच्चे के पेशाब को रखा दिया जाए, तो थोड़ी देर बाद उसका रंग दूधिया हो जाता है ।
● बिस्तर में पेशाब - कृमि की खुजलाहट के कारण बच्चा रात को बिस्तर में पेशाब कर देता है । बिना कृमियों के भी पेशाब की समस्या को यह ठीक कर देती है ।
" अंगों में कम्पन्न और ऐंठन "
कृमि की वजह से सोते समय बच्चे के अंगो में कम्पन्न और ऐंठन होती हैं । सिना के प्रयोग से कृमि मरते नहीं , लेकिन शरीर का ' धातु - क्रम ' बदल जाने से कृमियों का उत्पन्न होना रुक जाता हैं ।
● गिंडोये - जैसे कृमि - बच्चो के पेट में तीन प्रकार के कृमि पाए जाते हैं, चिलूणे, गिंडोये और गोल कृमि व टेप जैसे लम्बे कृमि । इनमें से गिंडोये जैसे कृमि के लिए सिना का प्रयोग किया जाता हैं ।
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