" हमारा शरीर आयुर्वेद और सनातन धर्म के अनुसार "
आयुर्वेद और सनातन धर्म के अनुसार हमारे शरीर का निर्माण प्रकृति के पांच तत्व ( पृथ्वी , जल , अग्नि , वायु और आकाश ) से हुआ है । ये तत्त्व शरीर में अलग - अलग तरह से प्रकट होते हैं और मेटाबॉलिज्म की निगरानी व नियंत्रण करते हैं ।
" दुनियाभर में मोटापे संबंधित आंकड़े "
वर्तमान स्थिति में 57% महिलाएं व 48% पुरुष मेटाबॉलिक समस्याओं से के उच्च रिस्क का सामना कर रहे हैं ।
विश्वभर में 24% महिलाएं व 23% पुरुष मोटापा व उससे संबंधित समस्याओ से ग्रस्त हैं ।
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ वर्षो में लगभग 50 लाख लोगों की मौत प्रति वर्ष सिर्फ मोटापे से हुई हैं ।
आज दुनिया में 39% वयस्कों का वजन सामान्य से अधिक है । और वर्ष 2025 तक यह आंकड़ा लगभग 42% तक पहुंच जाएगा है ।
" मोटापा कितना खतरनाक हैं या इससे होने वाली बिमारियां "
मोटापा आपके लिए स्ट्रोक , कैंसर, प्रजनन क्षमता में कमी , दिल, ऑस्टियो, आर्थराइटिस, टाइप -2 डायबिटीज, पित्ताशय की बीमारी, सांस, उच्च रक्तचाप, फैटी लिवर और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसी कई गंभीर बीमारियां की वजह बन सकता है।
" मोटापा बढने के संभावित कारण "
वजन बढ़ना एक जीवनशैली से संबंधित समस्या है । ज्यादा वजन , मोटापा जैसी समस्याओं में असामान्य रूप से वसा जमा होने लगता है, जिससे स्वास्थ्य गिरने लगता है, और गंभीर बीमारियों होने की आशंका बढ़ जाती है ।
>> असमय ज्यादा खाना और फिजिकल एक्टिविटी से दूर रहना मोटापे का कारण होता है ।
>> भोजन में ज्यादा वसायुक्त आहार को शामिल करना।
>> दिनचर्या में व्यायाम को शामिल न करना या कम करना और स्थिर जीवन यापन मोटापे का प्रमुख कारण होते है ।
>> असामान्य व्यवहार व मानसिक तनाव के कारण लोग ज्यादा खाने लगते हैं , जो मोटापे का कारण बनते है ।
>> शारीरिक क्रियाओं का सही ढंग से संचालन नहीं होने पर भी शरीर में चर्बी जमा होने लगती है ।
>> बचपन या युवावस्था में किसी का वजन अधिक होता है, तो यही आशंका आगे तक बनी रहती हैं ।
>> दिन में खाना खाने के बाद सोने की आदत भी मोटापे का कारण होती है ।
>> बिना परिश्रम किए मिलने वाला जंक फास्ट फूड अधिक खाना वजन बढ़ने का कारण हैं ।
" मोटापा व उससे उत्पन्न समस्याओ से कैसे बचा जाए "
>> अगर आप वजन को नियंत्रित करके रखना चाहते है, तो कोशिश करना चाहिए कि जितनी कैलोरी आप ले रहे हो, उतनी ही कैलोरी एक्सरसाइज से कम करें ।
>> प्रकृति और मानव शरीर में अपने आप को हील करने की शक्ति होती है । नेचुरोपेथी में विभिन्न उपचारों को शामिल कर शरीर से विषाक्त पदार्थों को डिटॉक्स करना चाहिए और भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए ।
>> प्राकृतिक चिकित्सा , आयुर्वेद , योग , आहार जैसी पद्धतियों का उपयोग करते हुए शरीर की आंतरिक ऊर्जा को फिर से संतुलित किया जा सकता है ।
>> कितनी डाइट की जरूरत है, यह जाने बगैर लोग ओवर डाइट ले लेते हैं , इससे बचना चाहिए । इसमें सुधार करने के लिए डाइट प्लान बदलने की जरूरत होगी । एक बार में न खाकर, थोड़े - थोड़े अंतराल में खाना चाहिए, और भोजन पूरी तरह संतुलित होना चाहिए ।
>> शारीरिक व्यायाम, योग का समय बढ़ाकर या डांस , स्विमिंग जैसी एक्टिविटीज को ज्यादा समय देकर भी फिट रहा जा सकता है । घर के कामों के साथ-साथ कम से कम निर्धारित समय फिटनेस के लिए जरूर दे।
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