खाद्य पदार्थों में मिलावट हमारे स्वास्थ्य के लिए बङी चुनौती बन गई है । हमारे बेहतर स्वास्थ्य के लिए अब हमें ही सावधान रहने की जरूरत हैं और साथ ही सुरक्षित भोजन का चयन करना होगा ।
" खाद्य सामग्री में मिलावट कैसे होती जानते हैं "
थोङे से मुनाफे के लिए रसायनों का इस्तेमाल कर फलों को जल्दी पका लिया जाता हैं । खराब फल और सब्जियों को ताजा फल व सब्जियों के साथ मिला दिया जाता हैं ।
खाद्य सामग्री को आकर्षक आकर्षक बनाने के लिए केमिकलयुक्त रंगों का प्रयोग किया जा रहा हैं ।
दालों और सभी अनाजों में मिट्टी, कंकड़ - पत्थर जैसी चीजे मिला दी जाती हैं । खाद्य उत्पाद के वजन व प्रकृति में बदलाव करने के लिए अच्छी सामग्री के साथ सस्ती और घटिया सामग्री पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से मिलाया जा रहा हैं ।
" घर पर खाद्य सामग्री में मिलावट की जांच कैसे करे "
घर पर लाल मिर्च पाउडर की जांच उसे पानी में घोल कर सकते हैं, यदि पाउडर पानी पर तैरता है तो वह शुद्ध हैं। यदि वह नीचे बैठ जाता है तो मिलावटी है। अर्थात तैरने वाली मिर्च पाउडर हैं और नीचे बैठने वाला मिलाया गया पदार्थ हैं।
कालीमिर्च की जांच के लिए इसे पानी में डालें। यदि यह तैरती रहीं तो समझो मिलावटी हैं और नीचे बैठती हैं तो शुद्ध हैं ।
पनीर को हाथ से मसलकर देखने पर यदि वह टूटकर बिखर जाए तो समझो मिलावटी है।
दालचीनी को हाथों पर रगड़ कर देखें। यदि हाथ पर कुछ रंग और खूशबू आए तो वह असली है, यही ऐसा न हो तो मिलावटी है।
" मिलावटी खाद्य उत्पादो से बचाव के उपाय "
गहरे रंग की खाद्य सामग्री, जंक - फूड, फास्ट फूड और रोस्टड फूड से बचें ।
सभी प्रकार अनाज, दालों और अन्य खाद्य उत्पादों को धोकर साफ करने के बाद ही प्रयोग या स्टोर करें ।
फल व सब्जियों का उपयोग करने से पहले उन्हें साफ पानी से अच्छी तरह धो लें ।
दूध , तेल व अन्य पैक्ड आने वाले खाद्य उत्पाद खरीदने से पहले पैकेजिंग सील, वैधता, लाइसेंस नंबर , सामग्री का विवरण , उत्पादन व समाप्ति तिथि और fssai प्रमाणित लेबल उत्पाद खरीदने से पहले अवश्य देखे।
" इन बातों का भी ध्यान रखें "
पैकेट पर ट्रांस फैट की जानकारी अवश्य चैक करें, विदेशों से आयात पैक्ड फूड पर ट्रांसफैट की जानकारी अंकित होती है, लेकिन भारत में यह अंकित हो भी सकता हैं और नही भी । अतः जब भी पैक्ड खाद्य पदार्थ खरीदें तो उस पर ट्रांसफैट विवरण इंडेक्स अवश्य करें । कही उसमें ऐसी सामग्री तो नही जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हो।
यदि तांबे के बर्तनों का अधिक उपयोग हो रहा हो तो इन बर्तनों में खटाई का उपयोग न करें । खाना विषाक्त हो सकता है ।
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