एबिस नाइग्रा ( ABIES NIGRA ) के फायदे , व्यापक लक्षण तथा मुख्य रोग को विस्तार से जानते है -
" खाने के बाद पेट दर्द का बढ़ना "
जिन व्यक्तियो का खाने के बाद पेट दर्द बढ जाता है, उनके लिये यह अति उत्तम औषधि है । इसके विपरित एनाकाडियम औषधी मे खाने के बाद पेट - दर्द कम होता है ।
" पेट के ऊपरी हिस्से मे उबले हुए अंडे जैसा अनुभव "
रोगी अनुभव करता है कि पेट के ऊपरी हिस्से में कोई अंडे जैसी चीज़ अटकी हुई है जो दर्द उत्पन्न करती है । ऐसा अनुभव होता है कि जो न तो बाहर आती है , न नीचे उतरती है , वही अटकी हुई है और भरीपन का अहसास होता है । ' वक्षोस्थि ' के नीचे के भाग मे इस प्रकार की कोई चीज अटकी अनुभव हो , तो चायना औषधि से लाभ होता है । अगर ऐसा अनुभव हो कि जो - कुछ खाया है वह पेट के ऊपर के हिस्से मे अटका हुआ है , तो पल्सेटिला या ब्रायोनिया से लाभ होता है ।
" वृद्ध व्यक्तियो की कमजोर पाचन क्रिया "
वृद्ध व्यक्तियो की कमजोर पाचन क्रिया की बीमारी के साथ हृदय रोग के लक्षण भी दिखाई देते है , तो इस औषधि का प्रयोग किया जाता है । इनकी बदहज़मी का कारण चाय अथवा तम्बाकू का अधिक सेवन हो सकता है ।
" चाय तथा तम्बाकू के दुष्प्रभाव के लिए "
जो लोग चाय अथवा तम्बाकू का अधिक सेवन करते है वे फलस्वरूप पेट की बीमारियो के शिकार हो जाते हैं , उन लोगों में अक्सर देखा जाता है कि वे उत्साहहीन रहते है , वे रात को ठीक से सो नहीं पाते । उन रोगियों के लिये यह औषधि बहुत ही उपयोगी होती है ।
" प्रात काल भूख बिल्कुल न लगना और दोपहर या रात को तेज भूख लगना "
जिन लोगो को प्रात काल के समय बिल्कुल भूख नही लगती , परन्तु दोपहर और रात को अधिक भूख लगती है और भोजन की अधिक खाने की इच्छा होती है , तो उन रोगियों लिये यह औषधी बहुत ही उपयोगी है ।
" छाती मे जकडन व अटका हुआ अनुभव होना "
छाती मे दर्द अनुभव होना , ऐसा प्रतीत होना कि छाती मे कुछ अटका हुआ है जो खासने से निकल जाना चाहिये । जैसे पेट में कुछ अटका - सा अनुभव होता है , वैसे छाती मे भी कफ - जैसी कोई चीज अटकी हुई अनुभव होती है ।
" इस औषधि के अन्य लक्षण पीठ के नीचे के भाग मे दर्द, हड्डियो मे वात "
रोग का दर्द, पुराना मलेरिया , ज्वर मे गर्मी - सर्दी का एक - दूसरे के बाद आना - जाना, रात को नीद न आना और साथ ही भूख लगना आदि लक्षणों में भी यह औषधी बहुत कारगर होती है।
" एबिस नाइग्रा औषधि की शक्ति व प्रकृति "
यह औषधी 1, 6, 30 पावर में दी जाती है। चिकित्सक इस औषधी में रोग की गम्भीरता को ध्यान में रखकर सही पावर की औषधि का इस्तेमाल करने की सलाह देते है। सही पावर की औषधी के लिए चिकित्सक की सलाह में औषधी का सेवन करे।
0 Comments:
Post a Comment